Shayari Town
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वह मुझसे रोज कहती थी ,मुझे तुम चांद ला कर दो ,उसे एक आईना देकर ,अकेला छोड़ आया हूं!
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तेरे हुस्न का दीवाना हर कोई होगा ,पर मेरे जैसा आशिक कोई और न होगा!
मुझको मालूम नहीं हुस़्न की तारीफ ,मेरी नज़रों में हसीन ‘वो’ है ,जो तुम जैसा हो!
सोचता हूँ हर कागज पे तेरी ,खूबसूरती की तारीफ करु ,फिर ख्याल आया कहीं पढ़ने वाला भी ,तेरा दीवाना ना हो जाए!