कोई टूटे तो उसे सजाना सीखो ,
कोई रूठे तो उसे मनाना सीखो ,
रिश्ते तो मिलते हैं मुक़द्दर से ,
बस उन्हें ख़ूबसूरती से निभाना सीखो!
कोई टूटे तो उसे सजाना सीखो ,
कोई रूठे तो उसे मनाना सीखो ,
रिश्ते तो मिलते हैं मुक़द्दर से ,
बस उन्हें ख़ूबसूरती से निभाना सीखो!
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