जब भी मुँह ढंक लेता हूँ तेरे जुल्फों की छाँव में 😊📜,
कितने गीत उतर आते है मेरे मन के घाओ में! 📜👍
जब भी मुँह ढंक लेता हूँ तेरे जुल्फों की छाँव में 😊📜,
कितने गीत उतर आते है मेरे मन के घाओ में! 📜👍
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