यह चादर सुख की मोल क्यू ,
सदा छोटी बनाता है ,
सीरा कोई भी थामो ,
दूसरा खुद छुट जाता है ,
तुम्हारे साथ था तो मैं ,
जमाने भर में रुसवा था ,
मगर अब तुम नहीं हो तो ,
ज़माना साथ गाता है!
यह चादर सुख की मोल क्यू ,
सदा छोटी बनाता है ,
सीरा कोई भी थामो ,
दूसरा खुद छुट जाता है ,
तुम्हारे साथ था तो मैं ,
जमाने भर में रुसवा था ,
मगर अब तुम नहीं हो तो ,
ज़माना साथ गाता है!
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