शेरो वाली दहाड़ फ़िर सुनाने आए हैं,
आग उगलने को फ़िर परवाने आये हैं,
रास्ता भी छोड़ दिया स्वयं काल ने,
जब देखा उसने “महावीर” के दीवाने आए हैं।,
जय श्री राम जय हनुमान,
शेरो वाली दहाड़ फ़िर सुनाने आए हैं,
आग उगलने को फ़िर परवाने आये हैं,
रास्ता भी छोड़ दिया स्वयं काल ने,
जब देखा उसने “महावीर” के दीवाने आए हैं।,
जय श्री राम जय हनुमान,